कई हिट फिल्म दे चुके हुए अरविंद अकेला का नई फिल्म रिलीज हुई है यामिनी सिंह के साथ Bhojpuri Movie जिसका नाम है पत्थर के सनम (Pathar Ke Sanam)।
फिल्म के मुख्य किरदार में आपको देखने के मिलेंगे अरविंद अकेला (कल्लू) (Arvind Akela Kallu), यामिनी सिंह (Yamini Singh), अवधेश मिश्रा (Awdhesh Mishra), देव सिंह (Dev Singh) और संजय महानंद इसके अलावा बहुत सारे कलाकार।
फिल्म के डायरेक्टर है नीरज रणधीर और फिल्म को प्रोड्यूसर किया है आदित्य झा ने । फिल्म में संगीत दिया है रजनीश मिश्रा ने और छोटे बाबा ने । तो गीत के बोल दिए हैं राजेश मिश्रा, इरशाद खान, सिकंदर,प्यारे लाल यादव और सुमित सिंह ने। डीओपी है राकेश रोशन।
Storyline of Pathar Ke Sanam Bhojpuri Movie –
आज भी अपने समाज में बहुत सारा बुराइयां है । उनमें से एक बुराई जो आज भी कायम है, जी हां हम बात कर रहे हैं बेटा और बेटी में भेदभाव करने का । बेटी के पैदा होते ही दुःख जताना, उसे जान से मार देना । और बेटे के पैदा होने से खुशी मनाना । इसी विषय को ध्यान में रखकर इस फिल्म ( पत्थर के सनम ) की कहानी लिखी गई है ।
अरविंद अकेला (कल्लू) इस फिल्म में एक सिक्योरिटी गार्ड के किरदार में आपको नजर आएँगे । लोगों का सुरक्षा देना उनका कर्तव्य है और वह अपने कर्तव्य बखूबी निभाते हैं ।
इसी खूबी के चलते एक दिन एक लड़की यानी यामिनी सिंह उनके घर पहुंच जाती है । कल्लू उनको अपने घर से बाहर निकलना चाहते है । पर यामिनी सिंह कहती है कि जो दूसरों की सुरक्षा करता है व भला इतनी रात को एक लड़की को कैसे बाहर जाने देगा । कल्लू उनकी बात मान जाते हैं और उन्हें अपने घर में शरण दे देते हैं ।
कल्लू के माता पिता यामिनी में अपने बहू को देखने लगते हैं । कल्लू को लगता है कि यानी ज़बरदस्ती है उनके पीछे पड़ रही है और वह यामिनी से पीछा छुड़ाने के लिए यामिनी पर झूठा रेप अटेंड करते हैं । यानी किसी तरह खुद को बचाती है और उन्हें गलत आदमी समझ कर वहां से भाग जाती है । लेकिन यामिनी के जाने के बाद कल्लू को एहसास होता है कि उन्हें यानी की आदत सी पड़ गई है । इसीलिए उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता ।
कहानी जिस किरदार के इर्द गिर्द घूमती है उसे निभाया है अवधेश मिश्रा जी ने । वह जिस रजवाड़े के राजा है वह नाममात्र के लिए रह गया है । धन-दौलत, सारा रुतबा खत्म हो चुका है लेकिन अकड़ अभी तक नहीं गया है । बेटी के पैदा होते ही उसी नमक चटा कर जान से मार देते हैं ताकि उन्हें कभी भी किसी के सामने सर न झुकना पड़े । जैसे ही उनके पत्नी को इस बात की भनक लगती है वह अपने नवजात बेटी को लेकर घर से भाग जाती है । यही बच्ची आगे चलकर या मिसिंग बनती है । बड़े होने पर यामिनी कि मुलाकात अपने पिता से एक हॉस्पिटल में होती है । यानी इस हॉस्पिटल में एक नर्स का काम करती है । यामिनी की मां अपनी बेटी को उसके पिता को शॉप कर हार्ट अटैक से चल बस्ती है ।
Bhojpuri Movie Pathar Ke Sanam of Arvind Akela and Yamini Singh –
इसके बाद यामिनी के पिता यानी अध्यक्ष मिश्रा अपनी सारी प्रॉपर्टी यामिनी के नाम कर देते हैं । इस बात की खबर पड़ती है यामिनी के सौतेले भाई देव सिंह को जो गुस्से से पागल हो जाता है। देव सिंह कहता है कि अगर दावेदार ही ना रहा तो वसीयत किस काम का । वह अपनी बहन को बंधक बनाने का पूरा प्लान बनाता है ।
इधर यामिनी को ढूंढते हुए कल्लू को पता चलता है कि यामी का एक्सीडेंट हो गया है । वह हॉस्पिटल में है जहां उसके याददाश्त चली गई है । हॉस्पिटल वाले उसके सगे संबंधियों का तलाश करते हैं । कल्लू जब हॉस्पिटल में पहुंचता है तब उसे पता चलता है की यामिनी सिंह का सौतेला भाई उसको अपने साथ ले गया है । कल्लू ले जाने वालों का आईडी हॉस्पिटल से निकलबाता है । क्या कल्लू यामिनी को उसके सौतेले भाई से बचा पाता है या नहीं? यह जानने के लिए फिल्म को जरूर देखिए।
एक्टिंग
अरविंद अकेला कल्लू,यामिनी सिंह,संजय महानंद और देव सिंह ने ठीक-ठाक अभिनय किया है । पर अवधेश मिश्रा का अभिनय सराहनीय है।
संगीत
गानों के लिहाज से भी यह फिल्म बहुत धनी है । Pathar Ke Sanam में कुल 7 गाने है । कुछ गाने बहुत पॉपुलर है तो कुछ काम लेकिन सभी गाने बेहद खूबसूरत है । जैसे रजनीश मिश्रा के धुन, राजेश मिश्रा का बोल, अनीता श्री की खनकती आवाज से सजा गीत ‘कोनो डोर हमके खींचे तोहरी ओर’ बार-बार सुनने लायक है । इस फिल्म में बिहार के फॉल्क जीजिया पर आधारित एक बहुत ही खूबसूरत गीत आपको सुनने को मिलेगा ।
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